आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "नहा"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "नहा"
दकनी सूफ़ी काव्य
वाह वाह बुलबुले गुलज़ार इश्क़
आई बत नहा धो के पानी सूँ निकलपैन कपड़े पाक तर उजले निझल
वजदी
ग़ज़ल
निकले है लाला ख़ाक के नीचे से सुर्ख़ सुर्ख़रंगीं हुआ शहीदों के ख़ूँ में नहा नहा
एहसनुल्लाह ख़ाँ बयान
पहेली
कचौरी
बाम्हन पावै पटवा कार, लाली है रगति वहि क्यार ।नेरे नहा दूर माँ रहै, बासू केरि खगनिया कहै ।।
खगनिया
अन्य परिणाम "नहा"
ना'त-ओ-मनक़बत
जल्वा-ए-रुख़ वो दिखाते हैं नहा कर ज़ुल्फ़ेंदिल फँसाने की ये तदबीर है अल्लाह अल्लाह
अब्दुल रहीम कुंज्पुरी
व्यंग्य
मुल्ला नसरुद्दीन- तीसरी दास्तान
चेचकरू ख़ुफ़िया ने कहाः "बिल्कुल ठीक! हरेक को बताओ कि ख़ोजा नसरुद्दीन सुधर गया है, तौबा
लियोनिद सोलोवयेव
व्यंग्य
मुल्ला नसरुद्दीन- पहली दास्तान
"जिस कोने में ख़ोजा नसरुद्दीन नमदे पर पड़ा अपने दमघोंट ग़ुस्से पर क़ाबू पाने के लिए
लियोनिद सोलोवयेव
सूफ़ी लेख
आज रंग है !
रंगों से हिंदुस्तान का पुराना रिश्ता रहा है. मुख़्तलिफ़ रंग हिंदुस्तानी संस्कृति की चाशनी में घुलकर
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
बहादुर शाह और फूल वालों की सैर
अम्माँ मैं नहीं जाती मेरी माँयहाँ तो ये हो रहा था और वहाँ झरना पर कुछ
मिर्ज़ा फ़रहतुल्लाह बेग
सूफ़ी लेख
मसनवी की कहानियाँ -5
जब उस ग़ुलाम की फ़िरासत का इम्तिहान ले चुका तो दूसरे को पास बुलाया। बादशाह ने
सूफ़ीनामा आर्काइव
क़िस्सा
क़िस्सा चहार दर्वेश
आख़िर बदनामी के डर से मां ने बेटी का गुम होना छुपाया और उधर वज़ीर की