आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "naqsh-e-kaf-e-paa"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "naqsh-e-kaf-e-paa"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "naqsh-e-kaf-e-paa"
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
हर नक़्श रा कि दीदी जिन्स-अश ज़े-ला-मकानस्तगर नक़्श रफ़्त ग़म नीस्त अस्लश चु जावेदानस्त
रूमी
सूफ़ी लेख
क़ौल, क़ल्बाना, नक़्श, गुल, तराना, छंद और रंग
क़ौल, क़ल्बाना, नक़्श, गुल, तराना, छंद और रंग क़व्वाली के मुख़्तलिफ़ रूप हैं जिनमें क़ौल-ओ- क़ल्बाना
अकमल हैदराबादी
ना'त-ओ-मनक़बत
सर से पा तक लग रहे हैं मज़हर-ए-अनवार सेहू-ब-हू हैं मिरे वारिस सय्यद-ए-अबरार से
रशीद वारसी
शे'र
सुरूर-ओ-कैफ़ का नग़्मा ग़म-ओ-अंदोह का नौहातिलिस्म-ए-ज़ीस्त की सरगम कभी कुछ है कभी कुछ है
अब्दुल हादी काविश
ग़ज़ल
जो कैफ़ है फ़िराक़ में वो फिर कहाँ विसाल मेंये बे-ख़ुदी जो है मुझे किसी के हूँ ख़याल में
नुशूर वाहिदी
ग़ज़ल
कैफ़-ओ-कम को देख उसे बे-कैफ़-ओ-कम कहने लगेजब हुदूस अपना खुला राज़-ए-क़िदम कहने लगे
ख़्वाजा मीर दर्द
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
गुल दर बर व मय दर कफ़ व मा'शूक़ः ब-कामस्तसुल्तान-ए-जहानम ब-चुनींं रोज़-ए-ग़ुलामस्त