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ना'त-ओ-मनक़बत
ख़्वाजा जी महाराजा जी तुम बड़ो ग़रीब नवाज़अपना कर के राखियो तोहे बाँह पकड़े की लाज
अज्ञात
क़िता'
नहीं वो ज़िक्र कि हज़रत जी सुब्ह-ओ-शाम कियान मय-परस्तों की सोहबत जौ भर के जाम पिया
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
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शबद
मारू सोलहे महला 1- कुदरति करनैहार अपारा
कुदरति करनैहार अपारा ।। कीते का नाही किहु चारा ।।जीअ उपाइ रिजकु दे आपे सिरि सिरि हुकमु चलाइआ ।।
गुरु नानक
शबद
।। मारू सोलहे महला -1 ।। -असुर सघारण रामु हमारा ।।
असुर सघारण रामु हमारा ।। घटि घटि रमईआ रामु पिआरा ।।नाले अलखु न लखीऐ मूले गुरमुखि लिखु वीचारा हे ।।
गुरु नानक
शबद
।। भैरउ असटपदीआ महला 1 घरू 2 ।। -आतम महि रामु राम महि आतमु चीनसि गुर बीचारा ।
आतम महि रामु राम महि आतमु चीनसि गुर बीचारा ।अंम्रित बाणी सबदि पछाणी दुख काटै हउ मारा ।।
गुरु नानक
ना'त-ओ-मनक़बत
हरे झंडे के शहज़ादे जी मेरे पीर दस्तगीरहरे झंडे के शहज़ादे जी मेरे पीर दस्तगीर
वक़ारुद्दीन सिद्दीक़ी
शबद
।। मारू सोलहे महला 1 ।। -आपे करता पुरखु बिधाता ।।
आपे करता पुरखु बिधाता ।। जिनि आपे आपि उपाइ पछाता ।।आपे सतिगुरू आपे सेवकु आपे स्रिसटि उपाई हे ।।
गुरु नानक
दोहा
गणपति-स्तुति- गणपति गण सिरताज हौ, तुम्हें नमाऊँ शीश।
गणपति गण सिरताज हौ, तुम्हें नमाऊँ शीश।ज्ञान देव पूरण हमें जानेगे सुत ईश।।
ताज जी
छप्पय
गणपति-स्तुति- सब गन को सरदार जगत अति तोको माने।
सब गन को सरदार जगत अति तोको माने।होत जहॉ उत्साह आदि सब सरस बखाने।।
ताज जी
मंगलाचरण
।। वृहन्नवणम् ।।
ओं विष्णु विष्णु तू भण रे प्राणी, साधे भक्ति ऊधरणों,दिवला सों दानों दाशति दानों, मदसुदानों महमाणों
जम्भेश्वर
ना'त-ओ-मनक़बत
मोरे प्यारे मोहम्मद प्यारे नबी मुझे पाक जमाल दिखाओ जीमोहे बिरह अगन ने फूक दिया अब इतना न तरसाओ जी
नियाज़ वज़िरबादी
कवित्त
भक्तोद्गार- छैल जो छबीला सब रंग में रंगीला
छैल जो छबीला सब रंग में रंगीला,बड़ा चित्त का अड़ीला कहूँ देवतों से न्यारा है।