आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bhar"
शेर के संबंधित परिणाम "bhar"
शे'र
उ’म्र-भर याद-ए-दुर्र-ए-दंदाँ में मैं गिर्यां रहाक़ब्र पर जुज़ दामन-ए-शबनम कोई चादर न हो
रज़ा फ़िरंगी महल्ली
शे'र
रात-भर फिरता था कनआँ में ज़ुलेख़ा का ख़यालमिस्र को यूसुफ़ चले उस ख़्वाब की ता'बीर को
बेनज़ीर शाह वारसी
शे'र
बहार आने की आरज़ू क्या बहार ख़ुद है नज़र का धोकाअभी चमन जन्नत-नज़र है अभी चमन का पता नहीं है
अफ़क़र मोहानी
शे'र
बहार आने की आरज़ू क्या बहार ख़ुद है नज़र का धोकाअभी चमन जन्नत-नज़र है अभी चमन का पता नहीं है
अफ़क़र मोहानी
शे'र
मिस्ल-ए-गुल बाहर गया गुलशन से जब वो गुल-एज़ारअश्क-ए-ख़ूनी से मेरा तन तर-ब-तर होने लगा
किशन सिंह आरिफ़
शे'र
मिस्ल-ए-गुल बाहर गया गुलशन से जब वो गुल-ए'ज़ारअश्क-ए-ख़ूनी से मेरा तन तर-ब-तर होने लगा
किशन सिंह आरिफ़
शे'र
लूटेगा सब बहार तिरी शहना-ए-ख़िज़ाँबुलबुल पर कर ले तू ज़र-ए-गुल को निसार शाख़
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
लूटेगा सब बहार तिरी शहना-ए-ख़िज़ाँबुलबुल पर कर ले तू ज़र-ए-गुल को निसार शाख़
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
अज़ीज़ वारसी देहलवी
शे'र
अज़ीज़ वारसी देहलवी
शे'र
फ़स्ल-ए-बहार में तो क़ैद-ए-क़फ़स में गुज़रीछूटे जो अब क़फ़स से तो मौसम-ए-ख़िज़ाँ है