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शे'र
जिन से कि हो मरबूत वही तुम को है मैमूनइंसान की सोहबत तुम्हें दरकार कहाँ है
अ’ब्दुल रहमान एहसान देहलवी
शे'र
क्या ग़म जो टूट जाएँ जिगर, जाँ, कलेजा, दिलपर तेरी चाह की न तमन्ना शिकस्त हो
सुलेमान शिकोह गार्डनर
शे'र
साँस में आवाज़-ए-नय है दिल ग़ज़ल-ख़्वाँ है 'ज़हीन'शायद आने को है वो जान-ए-बहाराँ इस तरफ़
ज़हीन शाह ताजी
शे'र
साग़र शराब-ए-इ'श्क़ का पी ही लिया जो हो सो होसर अब कटे या घर लुटे फ़िक्र ही क्या जो हो सो हो
अब्दुल हादी काविश
शे'र
इ’श्क़ में तेरे कोह-ए-ग़म सर पे लिया जो हो सो होऐ’श-ओ-निशात-ए-ज़िंदगी छोड़ दिया जो हो सो हो
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
शे'र
इ'श्क़ में तेरे कोह-ए-ग़म सर पे लिया जो हो सो होऐश-ओ-निशात-ए-ज़िंदगी छोड़ दिया जो हो सो हो