लखनऊ के शायर और अदीब
कुल: 59
ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी
18वीं सदी के बड़े शायरों में शामिल, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।
मुनव्वर लखनवी
रामायण, भगवत गीता, और दूसरे बहुत से मज़हबी व ग़ैर मज़हबी पाठों का छन्दोबद्ध व गयात्मक अनुवाद करने के लिए प्रसिद्ध
आरज़ू लखनवी
मुख़्तलिफ़ ख़ूबियों वाला एक अ’ज़ीम शायर
- निवास : लखनऊ
अमीन सलौनवी
अमीर मीनाई
दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।
हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और लखनऊ के शाइ’र-ए- मश्शाक़
अ’र्शी औरंगाबादी
असलम लखनवी
असलम संदेलवी
बासित बिसवानी
बिस्मिल लखनवी
फ़ातमा हुसैनी मख़फ़ी
- निवास : लखनऊ
फ़ज़ली अमेठवी
- निवास : लखनऊ
हसरत मोहानी
स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य। ' इंक़िलाब ज़िन्दाबाद ' का नारा दिया। कृष्ण भक्त , अपनी ग़ज़ल ' चुपके चुपके, रात दिन आँसू बहाना याद है ' के लिए प्रसिद्ध
इमाम बख़्श नासिख़
दबिस्तान-ए-लखनऊ के मुम्ताज़ शाइ’र
इन्शा अल्ला ख़ान
- जन्म : मुर्शिदाबाद
- निवास : लखनऊ
- Shrine : लखनऊ
लखनऊ के सबसे गर्म मिज़ाज शायर। मीर तक़ी मीर के समकालीन। मुसहफ़ी के साथ प्रतिद्वंदिता के लिए मशहूर ' रेख़्ती ' विधा की शायरी भी की और गद्द में रानी केतकी की कहानी लिखी।
जदीद बाराबंकवी
जलाल लखनवी
कशफ़ी लखनवी
- निवास : लखनऊ
ख़्वाजा हैदर अली आतिश
- जन्म : शाहजहाँपुर
- निवास : लखनऊ
- Shrine : लखनऊ
19वीं सदी की उर्दू ग़ज़ल का रौशन सितारा।
- निवास : लखनऊ
मीर तक़ी मीर
उर्दू के पहले सबसे बड़े शायर जिन्हें ' ख़ुदा-ए-सुख़न, (शायरी का ख़ुदा) कहा जाता है.
मे’राज लखनवी
मोनिस लखनवी
मुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम
हसरत मोहानी के उस्ताद-ए-मोहतरम
नदीम लखनवी
नजीब लखनवी
फ़िरंगी महल के आ’लिम-ए-दीन और ख़्वाजा अ’ज़ीज़ लखनवी के शागिर्द-ए-अ’ज़ीज़
नातिक़ लखनवी
लखनऊ के मा’रूफ़ अदीब, शाइ’र और मुसन्निफ़
रऊफ़ काकोरवी
रिंद लखनवी
ख़्वाजा आतिश लखनवी के शागिर्द-ए-रशीद
“अफ़्साना आ’शिक़-ए-दिल-गीर उ’र्फ़ शीरीं फ़र्हाद बित्तस्वीर के मुसन्निफ़।