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होरी

हिन्दुस्तानी राग की एक किस्म जो ध्रुपद से निकली है। इशक़-ओ-मुहब्बत के गीत जो होली के ज़माने में गाए जाते हैं होरी कहलाते हैं।इस में रंग और पिचकारी के मज़ामीन बाँधे जाते हैं। होरी के लिए होरी ताल ही मख़सूस है ।

1440 -1518

पंद्रहवीं सदी के एक सूफ़ी शाइ’र और संत जिन्हें भगत कबीर के नाम से भी जाना जाता है, कबीर अपने दोहे की वजह से काफ़ी मशहूर हैं, उन्हें भक्ति तहरीक का सबसे बड़ा शाइ’र होने का ए’ज़ाज़ हासिल है

गुलाल साहिब के मुरीद और जां-नशीन जिनके कई ग्रंथ हैं जिनमें से एक राम जहाज़ है जो एक ज़ख़ीम किताब है

1775 -1834

हिन्द-ओ-पाक के मा’रूफ़ रुहानी शाइ’र

बोलिए