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Aughat Shah Warsi's Photo'

औघट शाह वारसी

1874 - 1952 | मुरादाबाद, भारत

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और अपनी सूफ़ियाना शाइ’री के लिए मशहूर

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और अपनी सूफ़ियाना शाइ’री के लिए मशहूर

औघट शाह वारसी

ग़ज़ल 35

शे'र 12

कलाम 8

दोहा 51

सजनी पाती तब लिखूँ जो पीतम हो परदेस

तन में मन में पिया बिराजैं भेजूँ किसे सँदेस

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दया बराबर धर्म नहीं प्रपंच बराबर पाप

प्रेम बराबर जोग नहीं गुरु-मंत्र बराबर जाप

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जाप जोग तप तीर्थ से निर्गुण हुआ कोई

'औघट' गुरु दया करें तो पल में निर्गुण होई

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पीतम तुमरे संग है अपना राज सुहाग

तुम नहीं तो कुछ नहीं तुम मिले तो जागे भाग

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हर हर में 'औघट' हर बसें हर हर को हर की आस

हर को हर हर ढूँड फिरा और हर हैं हर के पास

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फ़ारसी कलाम 1

 

ना'त-ओ-मनक़बत 10

सलाम 6

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