Sufinama
Bedam Shah Warsi's Photo'

बेदम शाह वारसी

1876 - 1936 | उन्नाव, भारत

मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र और ''बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना' के लिए मशहूर

मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र और ''बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना' के लिए मशहूर

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मुईन वारसी

अशफाक़ अली और हमनवा

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

अगर का'बः का रुख़ भी जानिब-ए-मय-ख़ाना हो जाए

अगर का'बः का रुख़ भी जानिब-ए-मय-ख़ाना हो जाए आबिदा परवीन

आई नसीम-ए-कू-ए-मोहम्मद सल्लल्लाहु-अ'लैहे-वसल्लम

आई नसीम-ए-कू-ए-मोहम्मद सल्लल्लाहु-अ'लैहे-वसल्लम नुसरत फ़तेह अली ख़ान

इस तरफ़ भी करम ऐ रश्क-ए-मसीहा करना

इस तरफ़ भी करम ऐ रश्क-ए-मसीहा करना नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नूर-ए-नज़र-ए-अहमद-ए-मुख़्तार की चादर

नूर-ए-नज़र-ए-अहमद-ए-मुख़्तार की चादर अ'ली वारिस वारसी

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना नुसरत फ़तेह अली ख़ान

बे-गानगी-ई-दिल के अफ़्साने को क्या कहिए

बे-गानगी-ई-दिल के अफ़्साने को क्या कहिए नुसरत फ़तेह अली ख़ान

सरताज-ए-पीराँ क़ुतुब-ए-रब्बानी

सरताज-ए-पीराँ क़ुतुब-ए-रब्बानी नुसरत फ़तेह अली ख़ान

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल हुसैन ग्रुप क़व्वाल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल अ'ज़ीज़ मियां

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल ग़ौस मुहम्मद नासिर

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल मुकर्रम अ'ली वारसी

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल स्येद फ़सीहुद्दिन सुहरावर्दी

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल ताहिर अली, माहिर अली

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल फरीद अयाज़

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल फरीद अयाज़

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल साबरी ब्रदर्स

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल

’अदम से लाई है हस्ती में आरज़ू-ए-रसूल तस्लीम आ'रिफ़

इस तरफ़ भी करम ऐ रश्क-ए-मसीहा करना

इस तरफ़ भी करम ऐ रश्क-ए-मसीहा करना मुकर्रम अ'ली वारसी

का'बे का शौक़ है न सनम-ख़ाना चाहिए

का'बे का शौक़ है न सनम-ख़ाना चाहिए राहिल फ़ारूक़

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना अमजद साबरी

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना ओवैद रज़ा क़ादरी

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना हमसर हयात, अतहर हयात

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना शह्बाज़ क़मर फ़रीदी

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना राहत फ़तेह अली ख़ान

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना मिनहाज ना'त ग्रूप

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना आ'लम सैफ़ी

वो चले झटक के दामन मिरे दस्त-ए-ना-तवाँ से

वो चले झटक के दामन मिरे दस्त-ए-ना-तवाँ से गिरीश साधवानी

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