क़ुतुबल अक़ताब दीवान मुहम्मद रशीद उ’स्मानी जौनपूरी
क़ुदरत का ये अ’जीब निज़ाम है कि एक की बर्बादी दूसरे की आबादी का सबब होती है, एक जानिब एक शहर उजड़ता है तो दूसरी तरफ़ दूसरा आबाद होता हैI यही हमेशा से चला आता रहा है, इसी कानून-ए-फ़ितरत के तहत जब फ़ित्ना-ए-तैमूरी की हलाकत-ख़ेज़ियों से मग़रिब में दिल्ली