हज़रत शाह नियाज़ बरेलवी की शाइरी में इरफान-ए-हक़
शाह नियाज़ बरेलवी सिलसिला-ए-चिश्तिया के सूफ़ी शो‘रा में गुहर-ए-आबदार की हैसियत रखते हैं, जिन्हें मब्दा-ए-फ़य्याज़ ने तसव्वुफ़-ओ-सुलूक के साथ साथ इर्फ़ान-ए-हक़ और ख़ुदी की तश्ख़ीस की बेश-बहा दौलत से भी सरफ़राज़ किया था। मौलाना रुम, जामी, हाफ़िज़ शीराज़ी, शैख़ सादी