Sufinama

शबद

गोरख नाथ की 'सबदि' को बाद के संत शाइरों ने 'सबद' बनाया था। संतों की ख़ुद-शनासी को 'सबद' कहते हैं। सबद गीत हैं और रागों और रागनियों में बंधे हुए होते हैं। 'सबद' का इस्तिमाल अंदरूनी तजुर्बे के इज़हार के लिए होता है ।

1440 -1518

पंद्रहवीं सदी के एक सूफ़ी शाइ’र और संत जिन्हें भगत कबीर के नाम से भी जाना जाता है, कबीर अपने दोहे की वजह से काफ़ी मशहूर हैं, उन्हें भक्ति तहरीक का सबसे बड़ा शाइ’र होने का ए’ज़ाज़ हासिल है

1680 -1757

पंजाब के मा’रूफ़ सूफ़ी शाइ’र जिनके अशआ’र से आज भी एक ख़ास रंग पैदा होता है और रूह को तस्कीन मिलती है

गुलाल साहिब के मुरीद और जां-नशीन जिनके कई ग्रंथ हैं जिनमें से एक राम जहाज़ है जो एक ज़ख़ीम किताब है

1498 -1557

हिन्दू धर्म के भगवान कृष्ण की भक्ति शाखा की मक़बूल शाइ’रा थीं

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए