सूफ़ी लेख
सूफ़ियों के ताल्लुक़ से बेहतरीन और दिलकश मज़ामीन का मजमूआ पेश-ए-ख़िदमत है।
1974
शोधकर्ता और शायर, अपनी नज़्म "सोचने पे पहरा है" के लिए मशहूर/ प्रोफ़ेसर जेएनयू
1976
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग में सहायक प्रोफ़ेसर और हमीद वैशालवी के शागिर्द