ऐ जान-ए-मन जानान-ए-मन हम दर्द-ओ-हम दरमान-ए-मन
दीन-ए-मन-ओ-ईमान-ए-मन अम्न-ओ-अमान-ए-उम्मताँ
ज़मीं के सर पे खुला आसमान रहने दे
ख़ुदा के वास्ते अम्न-ओ-अमान रहने दे
हमारे शहर से रहते हैं दूर सौदागर
हमारे शहर का अम्न-ओ-अमाँ बोलता है
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere